महिला दिवस
दूसरे त्योहारों की तरह
बीत गया
एक और त्योहार
जिसे महिला दिवस का नाम मिला
रह गई फिर से ख्वाहिशें अधूरी
जिसे अगले बरस के लिए
छोड़ दिया
कल से फिर
नया दिन निकलेगा
मिला हो जिन्हें भी
महिला होने का सम्मान
उन्हें ढेरों बधाई
नही तो जुट जाओ
फिर से स्त्रियों
अगले बरस की तैयारी में
तुमने गृहस्थ को तो
अपने कामों से
जीत लिया
अब दुनिया को जीतने की
कोशिश में जुट जाना है
स्त्री पुरुष के फासले को
कुछ नम्बरों से हराना है
बीत गया
एक और त्योहार
जिसे महिला दिवस का नाम मिला
रह गई फिर से ख्वाहिशें अधूरी
जिसे अगले बरस के लिए
छोड़ दिया
कल से फिर
नया दिन निकलेगा
मिला हो जिन्हें भी
महिला होने का सम्मान
उन्हें ढेरों बधाई
नही तो जुट जाओ
फिर से स्त्रियों
अगले बरस की तैयारी में
तुमने गृहस्थ को तो
अपने कामों से
जीत लिया
अब दुनिया को जीतने की
कोशिश में जुट जाना है
स्त्री पुरुष के फासले को
कुछ नम्बरों से हराना है
0 Comments:
Post a Comment
Subscribe to Post Comments [Atom]
<< Home