Sunday, October 4, 2020

सूरज

 सूरज
वो चल रहा है
जल रहा है
दे रहा है
निरंतर खुशियां
रंग, रस, स्वाद
ढल कर भी देता है
एक आशा
आने वाले कल की
भविष्य की
प्यार की
स्नेह की
सम्बल की
उसे अब जाना है 
दूसरे देश
जगाने के लिए
बहुत काम है उसके पास

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