दाव पे लगता भगवान
वाह रे इंसान ..
रोज़ दाव पे
लगाता है भगवान..
इच्छा पूरी हो तो
अच्छा है भगवान..
इच्छा अधूरी हो तो
बुरा है भगवान..
क्यूँ उसकी बातो मे
राज़ नही देख पाते है..
छोटी-छोटी बातो मे,
उस बेचारे पे दोष लगाते है..
इंसान तो जिंदगी मे
प्रतिपल
अपने करमो का
फल पाते है..
भगवान को दोष देना
छोड़ दे..
खुद को भगवान के
सहारे छोड़ दे..
देखना, दौड़ के नैया
पार लगाएगा..
तुम्हे, तुम्हारे हर दुख से
उपर उठाएगा..
ध्रुव, प्रहलाद की तरह..
तुम्हे भी अपनी गोद मे
बिठाएगा..
तुम्हे भी अपनी गोद मे
बिठाएगा.
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