सुख भी सुख हो,
सुख भी सुख हो,
दुख भी सुख हो..
ऐसा अपना जीवन हो..
न दुख मे झूले,
न सुख मे फूले..
ऐसा अपना जीवन हो..
दुख आते है
हमे उठाने ..
जीवन की कठिनाइयो से..
ये लड़ना है
हमे सिखाते
दुनिया के आघात से..
दुख हमको
मज़बूत बनाते..
सुख तो हमको
प्रतिपल डराते..
छिन जाने का
भय दिखलते..
हम मंन ही मंन
उन्हे मनाते..
तुम ना जाना छोड़ के..
जो सह लेता
एक बार दुख को..
वो पहाड़ बन जाता है..
टकरा जाता
चट्टानो से..
नदी निकल कर
लाता है..
दुख को यदि हम
दुख ना समझे..
समझे
परीक्षाकाल इसे..
जो परीक्षा
पास कर जाए..
हो जाए भाव पार वो..
रोज़ परीक्षा
हम देते है..
अपने नये क्लास की..
सुख भी सुख हो..
दुख भी सुख हो ..
संतो सा बस जीवन हो..
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