मंदिर के बाहर घंटा क्यूँ लटका
मेरे मॅन मे प्रशन है अटका
मंदिर के बाहर घंटा क्यूँ लटका
घंटा क्या दर्शाता हैं
क्या हम है उपस्थित, मेरे बारे मे
ये भगवन को बतलाता
घंटा भी कुछ कहता हैं
ये भी हम सब की तरह
आत्मा मे ही रहता हैं
घंटे का शरीर आत्मा को बतलाता हैं
घंटे की ज़ुबान देवी सरस्वती कहलाती हैं
घंटे का हॅंडल प्राण शक्ति बन जाता हैं
तभी घंटा वस्तु विशेष बन कर
मंदिर मे स्थान पाता हैं
घंटे की दस्तक से मॅन प्रसन्न हो जाता हैं
अंदर बाहर का सारा मैल
घंटे की ध्वनि से स्वय ही धूल जाता हैं
घंटे की महिमा न्यारी हैं
भगवन ये तेरी बलिहारी हैं
भगवन घंटे ने तुमसे मिलवाया
जै हो घंटा जै हो भगवन
दोनो को नमन हम करते हैं
घंटे की कृपा से ही भगवन
हम आप का दर्शन करते हैं..
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