Saturday, June 18, 2011

तुझसे बुद्धि माँगे हम


हाथ जोड़ कर करे प्रार्थना
भगवान तेरे आगे हम
कैसे करे हम आत्म विवेचना
तुझसे बुद्धि माँगे हम
दे दो प्रभु हमे ज्ञान का सागर
भर दो मेरी बुद्धि की गागर
पाए तुमसे ही सदज्ञान हम
तेरे है हम, तेरे ही रहे हम
तुझसे पाए प्राण हम
हे प्रभु देना विवेक तुम
हमको अपने हाथ से
ताकि हम कर सके विवेचना
क्या है ये अज्ञान गहन
ज्ञान की बातो मे हम झूले
अज्ञान की बातें हर दम भूले
पाए बुद्धि और ज्ञान हम
दूर करे घनघोर तम
हाथ जोड़ कर करे प्रार्थना
भगवान तेरे आगे हम

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