कहाँ गये हो जानम तुम
कहाँ गये हो जानम तुम
भूल गये क्या हमको तुम
कोई चिट्ठी , कोई पत्रि ना कोई तार है..
अब जमाना ईमेल का, क्या नेट भी बेकार है..
प्लीज़ मुझसे बात करो
या फिर मुझको कॉल करो
नही तो हम ये समझेगें
बदल गये हो हमसे तुम
हमसे बदल के जानम तुम
यू भी ना जी पाओगे
मेरे जैसी प्यारी, हँसी
दोस्त कहा से लाओगे
छोड़ो पुरानी बाते तुम
आकर मेरे साथ चलो
कहाँ गये हो जानम तुम
भूल गये क्या हमको तुम?
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