मैने रेत को हाथ मे उठाया
मैने रेत को हाथ मे उठाया
तो वो फिसल गई
मैने जिंदगी को
गले से लगाया
तो वो मचल गई
कहाँ रुकती है?
ये जिंदगी
ये तो साथ चलती है..
सांसो का दामन
थाम के
आगे बढ़ती ही जाती है
थम जाए साँसे
तो कहाँ है जिंदगी?
बातों ही बातों मे देखो
कैसे निकल गई जिंदगी
रेत और जिंदगी
एक जैसी है
पकड़ लो इनको..
नही रहती ये
वैसी की वैसी है..
आना और जाना
दुनिया की रवानी है
जो जिंदगी मे
कुछ कर जाए
उसकी अलग निशानी है
निशानी को अंजाम
दे दो तुम
तो कुछ संभल
जाए जिंदगी
वरना यू ही बेकार बातों मे
उलझ जाए जिंदगी
मैने प्यार से
समझाया तो देखो
कैसे संभल गई जिंदगी
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