फ़ैसला उसका था
फ़ैसला उसका था
या मेरा था
मगर बहुत दूर
जाना था
साथ चलने की
थी कोशिश
भले ही
हार जाना था
चले थे साथ
ये कह कर
निभाएँगे
सभी रस्मे
जाएँगे बहुत दूर
भले ही
लौट ना पाए
मगर थी रेत
सी थी बाते
जिन्हे बस
ढेर होना था
ना मंज़िल थी
ना साथी था
बस तन्हाई का
आलम था
करे क्या
शिकायत उस से
वो मेरा था
उसे मेरा ही
होना था..
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