Saturday, July 2, 2011

तेरा तेरा कहते कहते


तेरा तेरा कहते कहते
तर जाता है प्राणी
मेरा मेरा कहते कहते
मर जाता है प्राणी
तेरे और मेरे का
अंतर बहुत बड़ा है
तेरा तेरा किया
नानक ने तो
दुनिया मे  उनका
नाम हुआ
सिख धर्म के
पालक बनकर
दुनिया को नया
आयाम दिया
मेरा मेरा कहते कहते बकरी
चॅड जाती है सूली पर
मर  कर ही वो तार है बनती
धुन्ति  रूई घर घर
सूली पर  चड़ने के बाद
जब वो तू ही तू ही
चिल्लाति
तभी उसे मुक्ति है मिलती
सभी के काम वो आती
यदि हमे मरना है बार बार
तो मेरा मेरा कहे दिन भर
कर दे अपने को बेकार
तेरा तेरा कहते कहते
करे परमात्मा का आभार



कहते है गुरु नानक जी को उनके पिता दुकान पर बैठाया की दुकान चलाओ एक दिन एक ग्राहक आया और बोला बीस किलो गेहू दे दो..नानक  जी ने तौलना शुरू  किया और एक, दो, तीन करते करते तेरह पे आते ही रुक गये और दुकान का पूरा गेहू  तौल दिया तब तक मे पिता जी आ गये और बोले क्या कर रहे हो..बोले तेरह कर दिया अब क्या मेरा...पिता ने घर से निकाल दियाऐसे ही बकरी मैं मैं  करती रहती है जब उसे काटा जाता है और धुनिया उससे रुई धुनता है तब उस मे से तू तू की आवाज़ आती है और वो मुक्त होती है...मेरा कहने से मॅन मैला हो जाता है तेरा से दुनिया मे तर जाते है...


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