हम तो है कठपुतली जैसे
हम तो है कठपुतली जैसे
नाचते रहते हरदम
जैसे चाहता हमे नचाता
डोरी पकड़े हरदम
डोरी उसकी
सुख मे घूमे तो
हम सुखी हो जाए
रहे कृपा उसकी तो
दुख हमको
छू भी ना पाए
भाई बहन
माता पिता
सुख संपत्ति से भरता
डोरी घूमे तो
सारी खुशिया ले लेता
दुख मे ऐसा कर दे..
सुख की
सोच ना पाए
ऐसा है कठपुतली वाला
पकड़ के हमको
नाच नचाए
छोड़ दे सब कुछ
उसके उपर
ना सोचे कुछ कल की
रहे सदा हम आज मे
सुख ही सुख मनाए
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