चलो हम मान लेते हैं
चलो हम मान लेते हैं,
ये दुनिया झूठ कहती है,
तुम्हे हम से नही उल्फ़त,
चलो हम मान लेते हैं,
तुम्हारी बेक़रारी की,
वजह कुछ और ही होगी,
निगाहें मुझसे मिलते ही,
तुम्हारे मुस्कराने का,
सबब कुछ और ही होगा,
जिसे केयेम'फेहम लोगों ने,
मोहब्बत नाम दे डाला,
मगर इतना बता दो तुम,
बिछड़ते वक़्त जान-ए-जाना
पलट कर देख के हम को,
तुम्हारी झील सी आँखें,
छलकती जा रही थी क्यूँ
हमे तडपा रही थी क्यूँ??????
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