Tuesday, January 17, 2012

कुछ भाव

हज़ार सवालो का एक जवाब होता हैं
बिना अल्फाजो के भी दिल का दर्द बयान होता हैं
गर नही हो लफ़्ज तो भी सब कह सकते हैं
क्यूंकी आँखो के पास हर जवाब होता हैं

मैं नही दे सकती तेरे हिस्से तुझको
मैं नही दे सकती मेरे हिस्से तुझको
दोनो को जोड़ने से जो तस्वीर बनती हैं
वो ही तो मेरे जीवन मे रंग भरती हैं



वो आए चुपके से मेरे घर
बिना मिले ही चल दिए...

2 Comments:

At January 17, 2012 at 2:29 AM , Blogger डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' said...

मौन सबसे बड़ा उत्र होता है।
क्योंकि एक चुप्प सबको हराए!

 
At January 17, 2012 at 11:48 PM , Blogger अपर्णा खरे said...

ji jaroor....

 

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