Friday, March 16, 2012

किस्मत

किस्मत किसे कहते हैं
ये तभी जाना जब तुमको पाया
तुमको प्यार किया...
तुम्हे दिल से अपनाया
वरना अब तक..
भरम मे जिया करते थे
होती नही हैं किस्मत...
मन मे बहलाने के चोचले हैं
ये सब..यही सोचा करते थे
तुम मिले तो ऐसा लगा
सब कुछ मिल गया
जिंदगी मे किसी और चीज़ की
दरकार ही ना रही.............
तुमसे शुरू होती मेरी सुबह...
कब रात मे बदल जाती
पता भी ना चलता....
खुद को गुम कर दिया था मैने
नही बचा था मेरा अस्तित्व मेरे भीतर
आत्मसात कर लिया था तुम्हे
तुम्हे क्या पसंद हैं क्या नही
आज क्या खाना हैं?
कल क्या पहनना हैं
बस यही सब सोचते सोचते
दिन से रात हो जाती.....
पता ही ना चलता
अजीब सा नशा छाया
रहता था हर वक़्त जेहन मे
ये कैसी खुमारी थी.......
जो उतरने का नाम नही लेती थी
मैं भी नही चाहती थी की उतरे
बस यू ही वक़्त बहता रहे......
कहीं ना रुके..............
हमारे प्यार का सफ़र चलता रहे
चलता रहे................................


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