तुम भी क्या कहर बरसाते हो
करते हो प्यार मुझसे,
मुझी से क्यूँ छिपाते हो ??
रखते हो मुझसे दूरी,
मॅन ही मॅन क्यूँ शरमाते हो?
रखते हो दम प्यार करने का,
इतना घबराते हो..
कौन सी अदा हैं ये तुम्हारी
कैसी हैं ये बेक़रारी...
जो दूर से तुम्हे तड़पाती हैं
पास आते ही तुम
पसीने पसीने हुए जाते हो
मत डरो ..........मुझसे इतना प्यार करो
जी चाहे जितना एतबार करो
प्यार तो इबादत हैं
इबादत करने से क्यूँ कतराते हो..
तुम भी क्या कहर बरसाते हो
करते हो प्यार मुझसे,
मुझी से क्यूँ छिपाते हो ??
1 Comments:
shukriya sanjay ji
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