मौसम बहुत सुहाना हैं
ऐसे में चले आओ ......
मिलने का बहाना हैं ..
सूरज शीतल हैं
चन्द्रमा का रोल निभा रहा हैं ..
भर रहा हैं हम में ताजगी संग ठंडक..
देखो आज नहीं तडपा रहा हैं..
संभालो अपने आपको..
अब बिखरने की जरुरत नहीं
रखो हिम्मत साथ खुदा हैं
अब किसी की खिदमत की जरुरत नहीं..
आपके घर का पता किसने दिया..
मुझसे पूछा था.. मैंने तो मना कर दिया
कमाल हैं आप गम में भी हंस लेते हो..
दुःख हो या सुख हो.. कैसे सम रह लेते हो ?
मुझे नहीं बुलाया ..अकेले ही चाय का मज़ा उडाया..
ख़ामोशी से कह तो दिया..
जो मेरा था वो आज से तेरा हुआ..
ऐसे में चले आओ ......
मिलने का बहाना हैं ..
सूरज शीतल हैं
चन्द्रमा का रोल निभा रहा हैं ..
भर रहा हैं हम में ताजगी संग ठंडक..
देखो आज नहीं तडपा रहा हैं..
संभालो अपने आपको..
अब बिखरने की जरुरत नहीं
रखो हिम्मत साथ खुदा हैं
अब किसी की खिदमत की जरुरत नहीं..
आपके घर का पता किसने दिया..
मुझसे पूछा था.. मैंने तो मना कर दिया
कमाल हैं आप गम में भी हंस लेते हो..
दुःख हो या सुख हो.. कैसे सम रह लेते हो ?
मुझे नहीं बुलाया ..अकेले ही चाय का मज़ा उडाया..
ख़ामोशी से कह तो दिया..
जो मेरा था वो आज से तेरा हुआ..
1 Comments:
This comment has been removed by the author.
Post a Comment
Subscribe to Post Comments [Atom]
<< Home