तुम्ही बताओ कैसे नव वर्ष मनाए हम
जब नम हैं आँखे..दुखी हैं दिल
कैसे नव वर्ष मनाए हम...
कैसे दे दिलासा खुद को.....
कैसे खुश हो पाए हम...
करो हमसे वादा, रखोगे पाक नज़र
तो फिर सामने आए हम..
वरना यू ही घुट घुट कर
रोज़ जीते जाए हम...
तुम्ही बताओ...कैसे नया वर्ष मनाए हम..
दिल हैं खाली, आँखे पथराई
दहशत मे हैं सब..कैसे दिन आए..
जी रहे हैं मर मर कर..
कैसे द्वार सजाए हम..
तुम्ही बताओ कैसे नव वर्ष मनाए हम
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