आज कल आईना किसी को पसंद नही
सब झूठी तारीफ के लिए भटकते हैं
जिंदगी भी आज़ाद पंछी की तरह..
उड़ना चाहती हैं..छूना चाहती हैं नीला आसमान
उसे जगह दे, पंख फैलाए और.......सैर कर आए..
पता नही जनम मिले या ना मिले दोबारा
जीवन की सच्चाइयों को उजागर करता हुआ आपका अपना ब्लॉग जो सिर्फ़ और सिर्फ़ आपके और हमारे अनुभव को बताएगा..कैसे जिया जीवन, क्यूँ जिया जीवन और आगे किसके लिए जीवन हम सब आपस मे बाटेंगे...कही यू ही तो नही कट रहा...स्वासो की पूंजी कही यू ही तो नही लुट रही मिल कर गौर करेंगे..
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