Saturday, January 12, 2013

हम नारियो की खूबी हैं..



दहकते टेसू, दपदपाते गुलाब... 
पलकें झुकाती शामें 
अंधेरों के साथ बढ़ती आब, 
हमारी कहानी यही नही ख़तम होती
अभी भी बहुत कुछ बाकी हैं..
ये तो थी हमारे सौंदर्य की बात..
हज़ारो गुण अभी बाकी हैं..
सहनशीलता, त्याग, तपस्या 
कोई हमसे सीखे..
विश्वास हमारी पूंजी हैं..
रखते हैं बाँध कर आँचल मे..
ये ही हम नारियो की खूबी हैं..


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