तुम आओ और घूमाओ अपना सुदर्शन चक्र
आ जाओ कृष्ण
आज तुम्हारी ज़रूरत हैं
नही सॅम्हल रहा हैं हमसे देश
तेरे चक्र की ज़रूरत हैं
आज फिर दुश्मनो ने
सर उठाया हैं
देश के जवानो को बर्बरता से...
मार गिराया हैं..........
पार कर दी हैं हद न्रश्रांशता की
बेचारो का सर भी
नही लौटाया हैं
बिलख रही हैं
हेमराज की पत्नी माँ और पिता
बेचारो ने अंतिम दर्शन
तक ना पाया हैं
तुम आओ और घूमाओ
अपना सुदर्शन चक्र
अब सही वक़्त आया हैं
नही कर पा रहे
हम सब कुछ भी
अब तेरा ही सरमाया हैं
डालो ऐसी दृष्टि कि सब
जल जाए दुश्मनो का
ना रहे देश मे कोई मुसीबत
अच्छे दिन फिर लौट आए..
हमारा भारत एक बार फिर
सोने की चिड़िया कहाए......
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