तुम आओ रच जाएगा इतिहास नया..
रह गया अनकहा जो तुमने नही कहा...
कह देते जो आज...तो क्या बचता गिले शिकवे को..
मोहब्बतो से बढ़ जाती हैं दुश्वरिया
मोहब्बत करना इतना आसान भी तो नही..
लेखनी जो चल पड़ी रुक ना सकेगी..
रच देगी इतिहास नया.. जो कभी घटा भी नही...
ऐसी भी क्या कहानी जो रचनी पड़े खुद से..
तुम आओ रच जाएगा इतिहास नया..
सदियो से यही होता आया हैं..
अंधे द्रत्ररास्ट्र ने सालो राज़ चलाया हैं
गंधारी ने भी बाँध ली थी पट्टी..
पति का जम के साथ निभाया हैं..
1 Comments:
shukriya Madan ji..jaroor
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