Wednesday, May 8, 2013

kuch yu hi


दिया होकर भी नही डरा, आँधियो मे भी लड़ता रहा
डर गई आँधिया भी...ऐसा वो मुसीबत मे खड़ा रहा...

दरियो तो दरिया हैं....उसकी अपनी रफ़्तार हैं..
तू सोच की ना सोच..मेरी साँस से बँधा तेरा हर एक तार हैं..

पानी की हैं प्यास
शहद से बुझा रहे हो...
कैसे बुझेगी आग जो...
पानी मे पेट्रोल मिला रहे हो..
परमात्मा की शरण मे जाओ..
देखो कैसी ठंडक मिलती हैं
मिल जाता हैं सब कुछ
दुनिया जन्नत सी लगती हैं..

तुम हो बहादुर हमे मालूम हैं..
कर लोगे हर मुसीबत का सामना..
तुम मे हर वो बात हैं..
लगे जो कभी मेरी ज़रूरत
संकोच ना करना हम हरदम तेरे साथ हैं..

खावहिशे कब पूरी होती हैं
कब कोई साथ निभा पाता हैं
चाहते हैं एक को..दूसरा साथ निभा जाता हैं..

मैने तो सुना था यदि वो मुझे छू लेता तो मैं चंदन हो जाती..

अपने तेवर मे ही तो मैने तुम्हे बाँध रखा हैं वरना तुम मुझे छोड़ के कब के चले गये होते..

तुम्हारे काटो मे से भी गुलाब महकता हैं..
तेरी खुश्बू से तो सारा आलम महकता हैं..
पूछ लो तुम फ़ज़ाओं से..तेरे आने से ही सूरज चमकता हैं..

कोशिश भी क्यूँ करते हो मुझे सीमा मे रखने की..
मैं तो एक प्यारा एहसास हूँ...जो चलता हूँ तुम्हारे साथ..रहता हूँ तुम्हारे पास..

आ जाओ खोल दिए हैं दिल के द्वार
कर लो हमसे ढेर सी बाते..जीवन के दिन हैं चार

उस से दिल लगाया होता तो तेरे पास क्यूँ आते..
बार बार आकर तेरे दिल का दरवाजा क्यूँ खटखटाते..

सुनो..तुम भी खूब मज़ाक करते हो हमको देखने की बजाय तारे गिनने की बात करते हो..


वो लड़की कोई और नही तुम हो..
जो रचती हैं इतिहास, प्रेम का..
कभी नही होता उसका दिल मायूस
आस हैं उसे..अपने प्रेम मे जिंदा रहने का..
कभी नही पीली पड़ेगी सुनहरी धूप उसके लिए
जला रखा हैं..चराग़ उमीदो का हर तरफ़ तेरे लिए

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