Friday, October 18, 2013

संत का सपना - बाबा शोभन सरकार



संत को नही चाहिए
अपने लिए कुछ भी खास
दो रोटी, दो धोती...रहने को कुटिया
इतना ही बहुत हैं उसके लिए,
जैसे सब कुछ हो उसके पास
त्यागी, वैरागी..क्या करेगा वो
तुम्हारा धन..
जब कि वो खुद त्याग चुका हैं
अपनी माया..
लेकिन हमारी खातिर...
देखा उसने एक सपना
खूबसूरत सपना...
शायद ...
सुधर जाए देश के हालात...
इस पुराने सोने से..
वरना पहले अंग्रेज़ो ने लूटा...
फिर औरंगजेब ने लूटा........
जो बचा देश के नेता खा गये....
हो गया हैं देश खोखला..............
संत बेचारे क्या करे????
अब सपना ही सुधार सकता हैं....
देश के हालात...हमारे हालात.....

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