तूने मुझे जाना,
पहचाना
मुझसे प्यार किया..
की मेरे मन को
छूने की कोशिश
क्या ये तेरा
एहसान नही..
क्यूँ करना चाहते हो
मुझे कलमबद्ध...
तेरे सिवा
मेरी कोई भी
पहचान नही..
ना छोड़ना
उनका हाथ
कभी..
वरना
कही टूट ना जाए
उनकी
सांसो की लड़ी.
इस शहर का रिवाज़ ही कुछ ऐसा हैं..
हर शख्स किसी ना किसी गम मे डूबा हैं..
तुम्हारी तन्हाई
उसे तुम्हारे और
करीब ले आएगी..
मत सोचना कभी
खुद को अकेला..
सुनकर तेरी ये बात
उनकी जान ही
निकल जाएगी..
पहचाना
मुझसे प्यार किया..
की मेरे मन को
छूने की कोशिश
क्या ये तेरा
एहसान नही..
क्यूँ करना चाहते हो
मुझे कलमबद्ध...
तेरे सिवा
मेरी कोई भी
पहचान नही..
ना छोड़ना
उनका हाथ
कभी..
वरना
कही टूट ना जाए
उनकी
सांसो की लड़ी.
इस शहर का रिवाज़ ही कुछ ऐसा हैं..
हर शख्स किसी ना किसी गम मे डूबा हैं..
तुम्हारी तन्हाई
उसे तुम्हारे और
करीब ले आएगी..
मत सोचना कभी
खुद को अकेला..
सुनकर तेरी ये बात
उनकी जान ही
निकल जाएगी..
1 Comments:
बहुत सुन्दर प्रस्तुति।
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आपको और आपके पूरे परिवार को दीपावली पर्व की हार्दिक शुभकामनाएँ।
स्वस्थ रहो।
प्रसन्न रहो हमेशा।
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