रूहानी सुहानी
जीवन की सच्चाइयों को उजागर करता हुआ आपका अपना ब्लॉग जो सिर्फ़ और सिर्फ़ आपके और हमारे अनुभव को बताएगा..कैसे जिया जीवन, क्यूँ जिया जीवन और आगे किसके लिए जीवन हम सब आपस मे बाटेंगे...कही यू ही तो नही कट रहा...स्वासो की पूंजी कही यू ही तो नही लुट रही मिल कर गौर करेंगे..
1 Comments:
पुरुष मन ...कथित कठोर मन...
दर्प से भरे ....दम्भ से भरे ...
मगरूर होतें है ....स्त्रियों के लिए ..
शायद नहीं....
वे समझतें है स्त्रियों की उन प्रेम भरी बातों को
जो कभी ख़ामोशी की जुबान से कही जाती है ..
तो कभी उल्हाने के रूप में मुख से मुखरित हो आती है
प्रत्युत्तर में, बहुत कुछ कहने को होता है.... उनके हृदय में
मगर वे उसको मुखर नहीं होने देते ....
छिपा लेतें है बड़ी सफाई से अपने उस मन की ओट में...
जिन्हें स्त्री बड़ी आसानी से पढ़ लेती है ..
और जान लेती है चुपचाप ..
मनकी गहराइयों में छिपे ''पुरुष प्रेम'' को...
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