दर्द ही तो देता है
जीने की राह
एक खामोश सा मौसम
वीरान सा जंगल
अकेली मासूम हिरणी
सिहरते पेड़
चीखती बर्फीली हवा
साथ में सर्द
ठंडी खामोश रात
और तुम्हे सोचती मैं
जीने की राह
एक खामोश सा मौसम
वीरान सा जंगल
अकेली मासूम हिरणी
सिहरते पेड़
चीखती बर्फीली हवा
साथ में सर्द
ठंडी खामोश रात
और तुम्हे सोचती मैं
6 Comments:
दर्द के साथ जीना सच में एक अलग ही अहसास है..बहुत ख़ूबसूरत प्रस्तुति...
:(
achchi kavita hai
Shukriya Kailash Sharma ji..
Thanks Kamlesh Kumar Diwan ji..
anonymous....thanks
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