Friday, October 7, 2016

तेरी याद

किसी के साथ 
बीते हुए लम्हों की 
जो याद आयी
थकी आँखों में 
अश्को के सितारे 
जगमगाते हैं
घूम गया आँखों में 
वो मंजर
जो हंस के तेरे साथ गुज़रा
सच कहूं
बंध गई हिचकियां
तेरी बेसबब याद आयी
तेरी बहुत याद आयी
कैसे भूलू वो लम्हे
जो है तेरे साथ गुज़ारे
अब तो मैं हूँ
तेरी याद है
और पसरी है तन्हाई
कैसे जियूँ 
क्यों जियूँ
कुछ तो रास्ता सुझा दो
एक बार तो खुदा से
रूबरू करवा दो
पूछ लेंगे उनसे अपना हाल
एक राह तो बता दो

0 Comments:

Post a Comment

Subscribe to Post Comments [Atom]

<< Home