Saturday, November 2, 2013

तू
चराग हैं
फिर भी
पाक हैं
इरादे
तेरे
नेक हैं
जला तो
यार के घऱ
बुझा तो
अपने
प्यार के दर

1 Comments:

At November 2, 2013 at 5:38 AM , Blogger डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' said...

बहुत सुन्दर प्रस्तुति।
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आपको और आपके पूरे परिवार को दीपावली पर्व की हार्दिक शुभकामनाएँ।
स्वस्थ रहो।
प्रसन्न रहो हमेशा।

 

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