Tuesday, June 21, 2011

दादा का प्यार


सब के पास हैं सब कुछ
लेकिन नही हैं सच्चा प्यार
सब को हैं एक ही चीज़ की दरकार
दादा का प्यार दादा का प्यार
दादा का प्यार तो सब पे
एक सा बरसता हैं
लेकिन पाता वो ही हैं
जो नज़दीक से गुज़रता हैं
सब आ जाओ
दादा की छतरी हैं एक दम तैयार
ले लो सब अपने हिस्से का प्यार
नाम रूप कोई हो सब का हैं ये अधिकार
दादा तो सबके प्यारे हैं
सब बच्चो की आँख के तारे हैं
नही करते वो भेद भाव
वो तो परमात्मा के भगत प्यारे प्यारे हैं
ना करो कोई उनसे शिकायत
ना कोई गुहार
बस आते जाओ और पाते जाओ
अपने दादा का प्यार
उनका दुलार
दादा हैं प्रेम दूत
सत्य का अवतार
मम्मा के संग जचते
चाचू भी साथ निभाते
करते अपने बच्चो को
एक दम निस्चल प्यार

0 Comments:

Post a Comment

Subscribe to Post Comments [Atom]

<< Home