दरार बनी खाई
दरार बनी खाई,
क्या यही है ?
रिश्तो की गहराई..
रिश्ते हम नही बनाते
भगवान बनाता है..
लेकिन ये बात क्यूँ,
कोई नही समझ पाता है..
रिश्तो को तोड़ना
बहुत आसान होता है………
पर
उन्हे जोड़ने मे
हर कोई क्यूँ
नाकाम होता है..
यदि हम डोरी को
मज़बूती से पकड़े..
ना तोड़ने की
कसम ले तो…….
रेशम की डोर भी
बहुत मज़बूत
बन सकती है..
सारी उम्र हमे
आगे ले चल सकती है..
ठंडे रिश्ते
ज़्यादा जिया नही करते…
दंम तोड़ देते है….
इसलिए
रिश्तो की गर्माहट
बहुत ज़रूरी है………….
उन्हे नई उष्मा देना…
बहुत बहुत ज़रूरी है…
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