तुम्हारी आँखो मे अपना
अक्स देखता हूँ..
तुम्हारी बातो मे अपना
नक्श देखता हूँ
कह सकूँ तुमको अपना
हर वक़्त वो वक़्त ढूंढता हूँ
जीवन की सच्चाइयों को उजागर करता हुआ आपका अपना ब्लॉग जो सिर्फ़ और सिर्फ़ आपके और हमारे अनुभव को बताएगा..कैसे जिया जीवन, क्यूँ जिया जीवन और आगे किसके लिए जीवन हम सब आपस मे बाटेंगे...कही यू ही तो नही कट रहा...स्वासो की पूंजी कही यू ही तो नही लुट रही मिल कर गौर करेंगे..
0 Comments:
Post a Comment
Subscribe to Post Comments [Atom]
<< Home