हमारा प्यार सच्चा हैं..
तुम बार बार पूछते हो
क्यूँ करती हूँ तुमसे प्यार
अपने प्यार पे प्यार की
मोहर लगवाना चाहते हो
तुम्हे क्या पता,
प्यार किसी मोहर का मोहताज़ नही
ये तो जब हो जाता हैं तो..
कोई इसका जवाब नही
लफ़्ज कहाँ कुछ कह पाते हैं,
शब्दो के भी मायने खो जाते हैं
बचता हैं केवल भरोसा, विश्वास,
जो प्यार को सींचता हैं,
पोषित करता हैं.....फलने फूलने देता हैं
अलग नही होने देता हैं,
भर देता हैं खुद मे विश्वास
हमारा प्यार सच्चा हैं..
हमारा प्यार जहाँ मे
सबसे अच्छा हैं..
क्यूँ करती हूँ तुमसे प्यार
अपने प्यार पे प्यार की
मोहर लगवाना चाहते हो
तुम्हे क्या पता,
प्यार किसी मोहर का मोहताज़ नही
ये तो जब हो जाता हैं तो..
कोई इसका जवाब नही
लफ़्ज कहाँ कुछ कह पाते हैं,
शब्दो के भी मायने खो जाते हैं
बचता हैं केवल भरोसा, विश्वास,
जो प्यार को सींचता हैं,
पोषित करता हैं.....फलने फूलने देता हैं
अलग नही होने देता हैं,
भर देता हैं खुद मे विश्वास
हमारा प्यार सच्चा हैं..
हमारा प्यार जहाँ मे
सबसे अच्छा हैं..
0 Comments:
Post a Comment
Subscribe to Post Comments [Atom]
<< Home