रिवाजो को कर किनारे
मेरे पास आ जाओ....
मत खेलो खेल कोई
मज़बूरी को हटाओ
दर्द का रिश्ता माना
बहुत गहरा हैं.......
तुम्हारी आँखो के कतरे की कसम
हम क्यूँ रखे .....
दर्द पे रिवाज़ो का पहरा...
जीवन की सच्चाइयों को उजागर करता हुआ आपका अपना ब्लॉग जो सिर्फ़ और सिर्फ़ आपके और हमारे अनुभव को बताएगा..कैसे जिया जीवन, क्यूँ जिया जीवन और आगे किसके लिए जीवन हम सब आपस मे बाटेंगे...कही यू ही तो नही कट रहा...स्वासो की पूंजी कही यू ही तो नही लुट रही मिल कर गौर करेंगे..
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