भारत निर्माण मे भी विदेशी ताक़त का हाथ..
तभी तो राहुल सोनिया मनमोहन...............
किसी के पास नही हैं ज़ज्बात...................
उसके बिना भी कहीं होता हैं जश्न ए बहारा..
ये तो तुमने कोई प्यार की रस्म निभाई होगी
दर्द को सीने लगाकर रखा..
ये कैसा जश्न मनाकर देखा..
हुक सी उठती हैं दिल मे..
जब से उसको अपना बना कर देखा..(दामिनी के लिए)
दी चिंगारियो को हवा..
यही आवाज़ सुनाई दी हैं...
यहाँ हैं बहुत सी दामिनिया..
उन्हे इंसाफ़ की दरकार बहुत हैं अभी..
पीडिता के नाम नही दरिंदो को ख़ौफ़ दिलाना हैं..
जो हो गये हैं बहुत शशक्त उन्हे सज़ा दिलवाना हैं..
उनकी छत्रछाया बहुत कीमती हैं अभी..
कभी ना जुदा हो वो आपसे..यही दुआ की हैं अभी अभी..(पिता के लिए)
सिलसिले को रोकना होगा..
अपराध को अब टोकना होगा..
नही होने देंगे ज़ुल्म अब किसी पे..
इस रात को अब सुबह होना होगा..
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