मेरी दीदी
दीदी को जाना हैं एक दिन ....अपने घर
ये सोच कर ही ........आँखे भर आती हैं
दीदी के साथ ..लड़ना, खिलखिलाना, बतियाना
एक एक बात उसे दिल की बताना
मेरे रोजमर्र्रा जीवन का हिस्सा हैं..
जो बात माँ, बापू से भी छिपा जाता हूँ
दीदी के आगे ही अपने आप निकल आती हैं..
जाने क्या बात हैं उसमे..
झूठ पकड़ने की मशीन हो .....वो जैसे
ज़रा सी ज़ुबान लड़खड़ाई नही..
झट से कह उठती हैं..झूठ बोल रहे हो..
मैं भी डर कर सारा सच उगल देता हूँ..
दीदी सच मे बहुत अच्छी हैं..
हर बात मे मेरा ख़याल रखती हैं..
क्या पहनना हैं..क्या खाना हैं..
मुझे क्या पसंद हैं क्या नही..
सब जानती हैं मेरे बारे मे...
यहाँ तक की अगर कहीं से
लौटने मे देर भर हो जाए तो
घर पे तूफान उठा देती हैं....
सच घर खाली कर जाएगी....
ये सोच कर ही दिल काँप जाता हैं..
वो जब जाएगी...अपने साथ
खुश्बू भी उड़ा ले जाएगी...
वो चहल पहल..रौनक, खुशिया
सपने सब साथ ले जाएगी..मेरी दीदी
अपने घर ...पिया के घर
ये सोच कर ही ........आँखे भर आती हैं
दीदी के साथ ..लड़ना, खिलखिलाना, बतियाना
एक एक बात उसे दिल की बताना
मेरे रोजमर्र्रा जीवन का हिस्सा हैं..
जो बात माँ, बापू से भी छिपा जाता हूँ
दीदी के आगे ही अपने आप निकल आती हैं..
जाने क्या बात हैं उसमे..
झूठ पकड़ने की मशीन हो .....वो जैसे
ज़रा सी ज़ुबान लड़खड़ाई नही..
झट से कह उठती हैं..झूठ बोल रहे हो..
मैं भी डर कर सारा सच उगल देता हूँ..
दीदी सच मे बहुत अच्छी हैं..
हर बात मे मेरा ख़याल रखती हैं..
क्या पहनना हैं..क्या खाना हैं..
मुझे क्या पसंद हैं क्या नही..
सब जानती हैं मेरे बारे मे...
यहाँ तक की अगर कहीं से
लौटने मे देर भर हो जाए तो
घर पे तूफान उठा देती हैं....
सच घर खाली कर जाएगी....
ये सोच कर ही दिल काँप जाता हैं..
वो जब जाएगी...अपने साथ
खुश्बू भी उड़ा ले जाएगी...
वो चहल पहल..रौनक, खुशिया
सपने सब साथ ले जाएगी..मेरी दीदी
अपने घर ...पिया के घर
6 Comments:
सुन्दर भाव पूर्ण रचना
शुक्रिया अरुणा जी..आपको रचना पसंद आई
didi .......ye didi sab esee hi hoti hai .......
sachhi.....ek din chali jati hain hame chod kar
bahut bhavuk rachna
thanks ....a lot
Post a Comment
Subscribe to Post Comments [Atom]
<< Home