जिंदगी तुम्हारी यू ही बर्बाद होती हैं..
जबसे पड़े हो मोहब्बत के फेर मे..
जिंदगी तुम्हारी यू ही बर्बाद होती हैं..
हो गये हो फेस बुक के साथी..
बस सर्चिंग मे ही तुम्हारी घड़िया बर्बाद होती हैं
करते नही काम कुछ ढंग का...
वरना मोहब्बत खुद चल के आए तेरे दर तक..
तुम्हारी लाइफ तो बस सपने देखकर ही बर्बाद होती हैं..
नज़री हैं तुम्हारी या तीर पैने से...
घुस के आँखो मे..जज्बातों की बरसात होती हैं..
सच्चा हमसफ़र मिले तो मिले कैसे..
हर दिन तुम्हारी नई शुरूवात होती हैं..
थमो रूको ठहर जाओ...
मोहब्बत तभी आबाद होती हैं..
(तुम्हारी रोज़ नई मोहब्बत खोजने की आदत हमे अच्छी नही लगती..)
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