दिसंबर आने वाला है
बहुत याद आती है
तुम्हारी
एक बार फिर आ जाओ
दिसम्बर आने वाला है....
धूप भरे दिन
सर्द रातें
गर्मागर्म चाय
मूंगफली के दाने
जल्दी से आ जाओ
सब फिर से तुम्हे
बुलाता है
बैठेंगे देर तक रजाई में
बातें करेंगे देश दुनिया की
करेंगे सबको मिल कर
फिर से जोरदार याद
कि लौट आओ दोस्तों
दिसम्बर आने वाला है
सूरज से खेलेंगे आँख मिचौली
चंदा फिर से तड़पाएगा
कोहरा भर आएगा कमरे तक
अलाव भी क्या कर पायेगा
फिर से बुझी सिकड़ी सुलगाओ
दिसम्बर आने वाला हैं....
0 Comments:
Post a Comment
Subscribe to Post Comments [Atom]
<< Home