तुम्हारा भगवान्
आज पूजाघर साफ करते हुए
कुछ पुराने सिक्के मिले
जो हमने दीवाली पर
साथ साथ अर्पित किये थे
गणेश लक्ष्मी पर
साथ ही मिली है
कुछ ख्वाहिशे
जो तुमने दबाकर रखी थी
रामायण के भीतर
जब कोई नहीं सुनता था
तुम्हारी पुकार
तुम सीधे ईश्वर से
संवाद किया करते थे
और ईश्वर भी जैसे
पूरी दोस्ती निभाता था
तुम्हारे साथ
हर जायज नाजायज़ मांग को
अंततः
मान ही लेता था तुम्हारी
याद है मुझे भी तो तुमने
इसी तरह जिद करके
ईश्वर से पाया था
भूख हड़ताल जो कर दी थी
बेचारे के सामने
विवश होकर उसे तुम्हे
मुझको सौपना ही पड़ा
वो दिन और आज का दिन
तुमने अपना भगवन ही बदल दिया
मुझे जो अपना भगवान् बना लिया
सच कितने बेवफा हो तुम
उसे ही भूल गए
जिसने तुम्हे सब कुछ दिया
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