Thursday, July 14, 2016

दर्द

दर्द उफ्फ़
जिसकी इन्तहा नहीं

पास है सब कुछ
लेकिन अपना नहीं

बीत रही है तन्हा
ये जिंदगी
लेकिन गिला नहीं

इंतज़ार तेरा बहुत है
मेरी हमनफ़स
लेकिन ऐ मौत
तेरा कुछ अता पता नहीं

भेज देती पैगाम तुझे
जल्दी आने का 
लेकिन तू है भी अपनी
बेवफा तो नहीं 

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