Thursday, August 17, 2017

जिंदगी के रंग तुम्हारे बिना अधूरे है

तुम्हारे बिना 
नज़्म लिखू भी तो 
कैसे
एक भी हर्फ 
साथ नही देता..
साथ छोड़ देते हैं 
एहसास..
मेरे पास 
कुछ भी 
नही ठहरता..
खाली  दामन लेकर 
घूमता फिरता हूँ..
हर जगह 
तुम्हे ही 
तलाशता रहता हूँ..
तुम आओ तो 
ग़ज़ल लिखू...
फिर से 
नई जिंदगी मे 
रंग भरु..

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