चन्दन महकी रात भले ही,
समझ न पाई ये वरना
किसकी खुशबू थी नींदों में,
ख़्वाब हमारा बोले है ---...
ख्वाब ने पूछा हमसे आकर
क्यूँ नींदो मे बहके हैं
किसकी बाते सोचा करता,
क्या वो मुझसे बढ़के हैं
मैने बोला वो मेरा जीवन,
वो मेरा धन...बाते उसकी मुझमे हैं
रह ना सकु मैं उसके बिन..
मेरी साँसे उसकी हैं
खुश्बू बसी हैं उसकी यादो मे
खवाब खवाब मुस्काये हैं..
छू ले यदि वो प्यार से मुझको
मेरे हाथ से खुश्बू आए हैं
सोचे यदि वो मुझको दिल मे
मेरी जात से खुश्बू आए हैं
क्या कहु मैं इस से ज़्यादा
लाज मुझे अब आए हैं
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