तेरा प्यार हैं मौन.
तुझे भूल के रह सकता हैं भला जिंदा कौन..
तू हैं अरमान किसी का...फिर भी तेरा प्यार हैं मौन..
कविता चाहे तो खोज सकती हैं अपना ठौर
लेकिन वो रहना चाहती हैं तुम्हारे मन मे,
तभी तो नही जाती तुम्हे छोड़ कर कभी..
चाहे सुख हो या आए तेरे जीवन मे दुख का दौर..
तुमको बदलते देख मैं भी बदल गया..
क्या करू यार जमाने का चलन नया..
हाथो मे गुलाब हैं...तुम मे जो बात हैं...औरों मे कहाँ?
वो प्यार से कहते तो भी हम ना जाते
हम कोई गैर नही हैं उनके लिए जो रहे आते जाते..
दिल की बात जाने हैं दिलवाला..
बाकी तो जो मिला वो था दिल जलाने वाला
सच कहा तुमने..लेकिन जो घाव
तुमने दिया उसका क्या?
देखा जो तेरा नाम इन हाथ की लकीरो मे..
एक अक्स उभर आया..नम आँखो मे..
देश से प्रेम दुश्मनो को करारा जवाब..
यही हैं हमारे दिल मे..प्यारा एहसास
आज लौटा दो मुझे मेरे सारे खत
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