दूरिया मिट सकती हैं
वजह समझ आ जाए
दूरियो की..तो
दूरिया मिट सकती हैं
लेकिन ना बताए कोई कारण तो
ये और भी बढ़ सकती हैं..
लौट आओ मेरे हमसफ़र
अभी साँस बाकी हैं...
इंतेज़ार बाकी हैं..
चाँद अल्फ़ाज़ बाकी हैं...
ऐसा ना हो जब तुम
लौट कर आओ तो कही
बहुत देर ना हो जाए
थम जाए ना साँस की लड़िया..
कुछ हाथ ही ना आए..
रह जाओ तुम अकेले..भरे संसार मे
कोई ना मिले तुम्हे
मेरी तरह टूट के चाहने वाला
गले से लगाने वाला
मिन्नतो से बुलाने वाला..
तब तुम कहाँ जाओगे...
इसीलिए कहती हूँ
दे दो चंद खुशियो की घड़ी
अगर प्यार करते हो..
थोड़ा सा भी अगर
मुझपे एतबार करते हो..
तुम्हारा क्या जाएगा
हाँ किसी इंसान के जीवन मे
कुछ पल खुशियो का
भले ही लौट आएगा..
सुन रहे हो ना तुम..मेरी बात
3 Comments:
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chali gayee hai jindgee tumse door ..........kahin
chup hai .....be jubaan ho gayee hai ..kuchh na kahegee.....
yakeen nahi aata aaj bhi .......ki ............????????
sanson ki dor bhandhi hai .........sirf ..tumse ...
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