चाँद और सूरज आएँगे दोनो...आपके बुलाने से...आप आवाज़ देकर तो देखो..
तेरी यादों से मिलती हैं तसल्ली दिल को..
यही राहत कम नही क्या मुझको..
जब हुई महसूस ज़रूरत तुम्हारी तब बुलाया..
भीड़ मे तुम्हारी खातिरदारी करते क्या?
कुछ चीज़े दूर से ही लगती हैं खूबसूरत..
पास से देखने पे असलियत नज़र आ जाती हैं.
बहुत भाग्यशाली हो तुम..जो उतरा तुम्हारे आँगन मे चाँद..
भर दिया चाँदनी से तुम्हे...उसने..तमाम उम्र के लिए..
तेरी यादों से मिलती हैं तसल्ली दिल को..
यही राहत कम नही क्या मुझको..
जब हुई महसूस ज़रूरत तुम्हारी तब बुलाया..
भीड़ मे तुम्हारी खातिरदारी करते क्या?
कुछ चीज़े दूर से ही लगती हैं खूबसूरत..
पास से देखने पे असलियत नज़र आ जाती हैं.
बहुत भाग्यशाली हो तुम..जो उतरा तुम्हारे आँगन मे चाँद..
भर दिया चाँदनी से तुम्हे...उसने..तमाम उम्र के लिए..
4 Comments:
like....it
superb
बहुत बहुत शुक्रिया नीलिमा जी...
शुक्रिया sir...
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