वीरान सी दुनिया है आँखों में पानी है
तुम्हारे होने से थी
आबाद दुनिया दिल की
अब वीरानी ही वीरानी है
दिल के जंगल में लगी है आग
न तुम हो बुझाने वाले
न ही कहीं पानी है
सुलग रहे पेड़
चीड़ देवदार के
छाव की लेकिन
दरकार पुरानी है
जो है खुद आग के चंगुल में
वो क्या देगा किसी को ठंडक
लगी है अगर प्यास उन्हें
अब तुम्हे ही खुद बुझानी है
तुम रोये तो रो देगा अस्मा
सैलाब सा आएगा धरती पे
नहीं थमेगा यादो का बवंडर
तुम रहो खामोश
यही इल्तज़ा पुरानी है
थम जाये ये आंसू
कुछ तो करो ऐसा
फेरो नजर मोहब्बत की
सारी महफिल पे
सबकी आँखे नम है
सबकी आँखों में पानी है
आबाद दुनिया दिल की
अब वीरानी ही वीरानी है
दिल के जंगल में लगी है आग
न तुम हो बुझाने वाले
न ही कहीं पानी है
सुलग रहे पेड़
चीड़ देवदार के
छाव की लेकिन
दरकार पुरानी है
जो है खुद आग के चंगुल में
वो क्या देगा किसी को ठंडक
लगी है अगर प्यास उन्हें
अब तुम्हे ही खुद बुझानी है
तुम रोये तो रो देगा अस्मा
सैलाब सा आएगा धरती पे
नहीं थमेगा यादो का बवंडर
तुम रहो खामोश
यही इल्तज़ा पुरानी है
थम जाये ये आंसू
कुछ तो करो ऐसा
फेरो नजर मोहब्बत की
सारी महफिल पे
सबकी आँखे नम है
सबकी आँखों में पानी है
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