कोई बात बने
तुम थामो
मेरा हाथ
कुछ दूर तो
साथ चले
तुम छेड़ो
कोई साज
अपनी कोई
बात चले
देखते थे जो
सपने अकेले में
उन सपनो को
पूरा करो
तब तो कोई
बात बने
देखना तुम्हारा
यूँ मुस्कुरा कर मुझे
मेरा पलके झुकाना
आए वही लम्हात
तब तो कोई
बात बने
तुम्हारी महक है
मेरी साँसों में
तुम संग
मचलता है दिल
तुम सुनाओ
वही गीत
फिर तो
कोई बात बने
तुम संग हुई
मैं पूर्ण
तुमने किया
मुझे सम्पूर्ण
एक हो गए
हमारे खयालात
जागे फिर जज्बात
अब है कोई
बात बनी
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