तस्वीर से निकलो तो तुमको मानू
हमेशा मुस्कुराते रहते हो
तस्वीर में
कभी तस्वीर से
बाहर आओ तो
तुमको मानू
हमेशा दिलाते थे यकीन
अपने साथ होने का
आज जरा सामने आओ तो मैं
तुमको मानू
फैलाते थे तिलस्म
अपनी बातों से
हम सबके दिलों में
अब कोई नई बात
सुनाओ तो मैं
तुमको मानू
तुम हो, तुम्हारी यादें है,
अच्छी अच्छी तुम्हारी बातें है
फिर से वहीँ
महफिल सजाओ तो मैं
तुमको मानू
चले गए हो जो बिना कहे कुछ
हम सब से बिछड़ कर
जाता है क्या कोई यु
अपनों को छोड़ कर
तुम फिर से वही
आने का वादा निभाओ तो मैं
तुमको मानू
2 Comments:
दिल के गहरे जज्बात ...
मन को छूती अभिव्यक्ति
सादर
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