लौट आओ तुम
थक गई हूँ
पुकार कर तुमको
तुम हो कि
आवाज़ ही नहीं सुनते
अब तो रो रो कर छाती भी
दर्द से कराहने लगी है
तुम हो कि तरस ही नहीं खाते
सर अब हर वक़्त भारी रहता है
सोच सोच कर तुमको
आँखे हमेशा नम
शायद कही से सुन लो मेरी आवाज़
या देख लो मुझे रोते हुए
दौड़ कर लौट आओ तुम
मेरे लिए
पुकार कर तुमको
तुम हो कि
आवाज़ ही नहीं सुनते
अब तो रो रो कर छाती भी
दर्द से कराहने लगी है
तुम हो कि तरस ही नहीं खाते
सर अब हर वक़्त भारी रहता है
सोच सोच कर तुमको
आँखे हमेशा नम
शायद कही से सुन लो मेरी आवाज़
या देख लो मुझे रोते हुए
दौड़ कर लौट आओ तुम
मेरे लिए
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