अब किसी का
इंतज़ार नहीं
अब कोई मंजिल नहीं,
कोई राह नहीं
कौन आयेगा,
कैसे आयेगा
किसी से शिकायत नहीं,
किसी से सरोकार नहीं
आबाद थी
जिस से दुनिया
दिल की
रंग थे जिस से
आँखों में तमाम
आज वो बात नहीं
अब वो लम्हात नहीं
टूट गया जो सितारा
उस से कहे क्या
कह दो दुनिया से
अब जीने में कोई
ख़ास बात नहीं
इंतज़ार नहीं
अब कोई मंजिल नहीं,
कोई राह नहीं
कौन आयेगा,
कैसे आयेगा
किसी से शिकायत नहीं,
किसी से सरोकार नहीं
आबाद थी
जिस से दुनिया
दिल की
रंग थे जिस से
आँखों में तमाम
आज वो बात नहीं
अब वो लम्हात नहीं
टूट गया जो सितारा
उस से कहे क्या
कह दो दुनिया से
अब जीने में कोई
ख़ास बात नहीं
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