जो अपना था वो सपना हुआ अब
खाक हो गया जिस्म
बच गई यादें
जो उम्र भर रहेगी
हम सबको सालती
खो गई वो
मोहक मुस्कान
जिसका था
जमाना गुलाम
तेरा हंसना,
मुस्कुराना
हर एक को
मोहब्बत से
अपना बनाना
बन गया
सपना सुहाना
अब कोई नहीं आएगा
न हँसाने, न गुदगुदाने,
न अपना बनाने
न ही मार्ग दिखाने
उम् भर रहे जिनके
पथ प्रदर्शक
आज वो
दुनिया के लोग
गायब है
लुटा दिया
जिसके लिए
अपना सब कुछ
हिंदी साहित्य के वो
इंसान नदारत है
स्वार्थी इस दुनिया में
रहने का क्या फायदा
अच्छा किया
चल दिए तुम वहां
जहाँ
न हो कोई झूठा कायदा
तुम रहो कहीं भी
यु ही सितारे से
जगमगाते रहना
न दे दुनिया
तुम्हे कुछ
फिर भी तुम
कुछ गम न करना
तुम्हारा साफ दिल
तुम्हारे साथ है
तुम्हारे कर्मो की स्लेट
एकदम साफ है
सुनो अल्लाह के यहाँ
इंसाफ बहुत पक्का है
होता है जरा देर से
लेकिन
उस्ताद बड़ा सच्चा है
देना होगा हिसाब सबको
ये बात तो सच है
करने दो उन्हें दिल की
देखो क्या होता है
नहीं हुए जो तुम्हारे
उनका कौन होता है
(उमेश भैया को दिल से नमन)
बच गई यादें
जो उम्र भर रहेगी
हम सबको सालती
खो गई वो
मोहक मुस्कान
जिसका था
जमाना गुलाम
तेरा हंसना,
मुस्कुराना
हर एक को
मोहब्बत से
अपना बनाना
बन गया
सपना सुहाना
अब कोई नहीं आएगा
न हँसाने, न गुदगुदाने,
न अपना बनाने
न ही मार्ग दिखाने
उम् भर रहे जिनके
पथ प्रदर्शक
आज वो
दुनिया के लोग
गायब है
लुटा दिया
जिसके लिए
अपना सब कुछ
हिंदी साहित्य के वो
इंसान नदारत है
स्वार्थी इस दुनिया में
रहने का क्या फायदा
अच्छा किया
चल दिए तुम वहां
जहाँ
न हो कोई झूठा कायदा
तुम रहो कहीं भी
यु ही सितारे से
जगमगाते रहना
न दे दुनिया
तुम्हे कुछ
फिर भी तुम
कुछ गम न करना
तुम्हारा साफ दिल
तुम्हारे साथ है
तुम्हारे कर्मो की स्लेट
एकदम साफ है
सुनो अल्लाह के यहाँ
इंसाफ बहुत पक्का है
होता है जरा देर से
लेकिन
उस्ताद बड़ा सच्चा है
देना होगा हिसाब सबको
ये बात तो सच है
करने दो उन्हें दिल की
देखो क्या होता है
नहीं हुए जो तुम्हारे
उनका कौन होता है
(उमेश भैया को दिल से नमन)
1 Comments:
naman.....:(
Post a Comment
Subscribe to Post Comments [Atom]
<< Home